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Amika ChitranshiMy WordPress Blog

माँ के हाथ का मुगलई पराठा और चिकेन क़ोरमा

वो चुलबुली गुदगुदा देने वाली बचपन की यादें। माँ का आँचल और पापा की गोद की गर्माहट जब भी याद करती हूँ तो मन खुशियों से भर जाता है। छोटे भाई बहनों के साथ वो कोमल नटखट शरारतें भी याद आ जाती हैं। यूँ तो हम लोग दो बहनें और एक भाई हैं पर मेरे बड़े पापा की दोनों बेटियाँ भी हमारे साथ रहती थीं और मेरा एक बड़ा कज़न ब्रदर भी था। जब हम सब छोटे थे तो माँ को बहुत तंग करते थे। अब लगता है माँ उस समय किस तरह इतने बच्चों को अच्छी तरह से संभाल लेती थीं…

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माँ के हाथ का मुगलई पराठा और चिकेन क़ोरमा
[bs-quote quote="यह याद हमारे साथ शेयर की है मुंबई निवासी श्रीमती नीना सिन्हा ने। बिहार में जन्मी और पली-बढ़ीं नीना जी के लम्बे समय से मुंबई में बसे होने के कारण इनके व्यंजनों में बिहारी और मराठी दोनों का अद्भुत फ्लेवर मिलता है। गृहणी और समाज सेवी नीना जी को पढ़ना-पढ़ाना, ऐतिहासिक स्थलों की सैर के साथ ही देश-दुनिया के व्यंजनों के साथ नए-नए प्रयोग करना बेहद पसंद है। बच्चों के प्रति बेहद संवेदनशील श्रीमती सिन्हा अपने आसपास के बच्चों की जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए हमेशा तत्पर रहती हैं। इनका मानना है कि बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए बेहद ज़रूरी है कि हम बच्चों के विचारों और उनके मन-मस्तिष्क में चल रही हलचलों को धैर्यपूर्वक सुनें और समझें, तभी हम उनको सही दिशा में ले जा पाएंगे।" style="style-13" align="left" author_name="नीना सिन्हा" author_job="गृहणी एवं समाजसेवी" author_avatar="https://aaharsamhita.com/wp-content/uploads/2019/04/nina-avatar-60-1.jpg"][/bs-quote] वो चुलबुली गुदगुदा देने वाली बचपन की यादें। माँ का आँचल और पापा की गोद की गर्माहट जब भी याद करती हूँ तो मन खुशियों से भर जाता है। छोटे भाई बहनों के साथ वो कोमल नटखट शरारतें भी याद आ जाती हैं। यूँ तो हम लोग दो बहनें और एक भाई हैं पर मेरे बड़े पापा की दोनों बेटियाँ भी हमारे साथ रहती थीं और मेरा एक बड़ा कज़न ब्रदर भी था। जब हम सब छोटे थे तो माँ को बहुत तंग करते थे। अब लगता है माँ उस समय किस तरह इतने बच्चों को अच्छी तरह से संभाल लेती थीं। वैसे तो माँ तरह-तरह के खाने बनाया करती थीं पर जब कोई खास मेहमान आते थे तो वो मुगलई पराठा और चिकेन क़ोरमा ज़रूर बनाती थीं और सभी बच्चे उसका इंतज़ार करते थे। मुगलई पराठा और चिकेन क़ोरमा बनाने की बनाने की विधि: मुगलई पराठा: एक कटोरी मैदा को बिना किसी मोयन के मुलायम गूथ लें फिर उसकी लोई काट कर उसे तेल में एक-एक करके किसी थाल में रख दें और उसे गीले कपड़े से ढक कर दो-तीन घण्टे के लिए छोड़ दें। फिर तीन चार प्याज़ को बारीक काट लें, चार-पाँच हरी मिर्च को बारीक काट लें और थोड़ा हरा धनिया। इन सब को अंडे में डालकर अच्छी तरह से फेंट लें। जितना लोई होगा उतने ही अंडे लगेंगे। फिर एक पन्नी पर हल्का तेल लगाकर बड़ी और पतली रोटी बना लें फिर उसपे वो घोल डाल कर उसे चारों तरफ से मोड़ दें। फिर एक लोई से ज़रूरत के अनुसार हल्का तेल लगते हुए उससे बड़ी और पतली रोटी बना लें फिर उस पर वो घोल डाल कर उसे चारों तरफ से मोड़ दें। तवा जब गरम हो जाये तो उस पर थोड़ा तेल डाल कर फैलाएँ फिर पराठा उस पर डालकर सेंक लें। अब मुगलई पराठा तैयार हो गया। चिकेन क़ोरमा: 1 किलोग्राम चिकेन 250 ग्राम दही 500 ग्राम प्याज़ 2 टी स्पून धनिया 2 टी स्पून जीरा 1.5 मिर्ची पाउडर / 1.5 टी स्पून मिर्च पाउडर 1 टी स्पून हल्दी 1 टी स्पून अदरक 1 टी स्पून लहसुन नमक स्वादानुसार प्याज़ को पतला पतला काट लें और चिकेन धो लें। चिकेन के सारे मसालों को डाल कर एक घण्टे के लिए मेरिनेट करने को छोड़ दीजिये। फिर कड़ाही में थोड़ा तेल डाल कर प्याज़ को भून लें। फिर सारे प्याज़ को निकाल लें और आधे प्याज़ को ठंडा होने पर पीस लें। अब कड़ाही में जो तेल था उसमें खड़ा गरम मसाला (बड़ी इलाईची, छोटी इलाईची, लौंग, दालचीनी, और तेज पत्ता) कूट कर डाल दें और फिर उसमें भुना हुआ प्याज़ डाल दें और साथ में चिकेन जो मेरिनेटेड है। उसे तब तक भूने जब तक की उसका पानी न सूख जाये और फिर उसमें पिसा हुआ प्याज़ डाल दें और अच्छी तरह से चला दें। जरूरत के अनुसार पानी डालें क्योंकि मुगलई पराठा में चिकेन लटपट ही अच्छा लगता है। उसके बाद उसे हरा धनिया से गार्निश कर लें। तैयार हो गया चिकेन क़ोरमा।
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